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September 27, 2023

पर्यटकके अस्रामे थारु संग्रहालय

२० चैत्र २०७८, आईतवार
पर्यटकके अस्रामे थारु संग्रहालय

कैलाली जिल्लाके धनगढी उपमहानगरपालिका–७, पटेला गाउँमे रहल ‘पटेला थारु साँस्कृतिक संग्रहालय’ आन्तरिक ओ बाह्य पर्यटकनके बटिया हेरके बैठल बा ।

थारु संस्कृति झल्कना परम्परागत पहिरन, गहना, रहनसहन ओ संस्कृति सम्बन्धी चिजबरन ढारल बा । पर्यटकीय क्षेत्र उ संग्रहालयमे रहल परम्परागत थारु संग्रहालयमे हुइ पर्ना अभिन फेन सामानके अभाव ओ प्रचारप्रसारके लाग कमि हुइल रेखडेख करुइया भीम चौधरी बटैलैं ।

संग्रहालय इहे साल कुवाँर १ गते दिन एक औपचारिक कार्यक्रम कैके उद्घाटन हुइल रहे । थारु संस्कृति जगेर्ना कर्ना ओ संग्रहालयके प्रचारप्रसार हुइ नैहोके पर्यटकके लजरसे ओरटारमे रहल उहाँ बटैलैं । थारु समुदायके आस्थाके धरोहरके रुपमे रहल पटेला थारु धनगढी उपमहानगरपालिका आर्थिक सहयोगमे संग्रहालयके लाग आधुनिक शैलीके घर बनाइल बा ।

आन्तरिक ओ बाह्य पर्यटकके सुविधाके लाग संग्रहालयमे बैठक, गोष्ठी, सभा कार्यक्रम करे सेक्ना व्यवस्था फेन कैल बा । संग्रहालय अवलोकनके लाग अउइया पर्यटकके लाग थारु समुदायके संस्कृति, रहनसहन ओ जनजीवनसंगे सम्बन्धित सामान सजाके ढारल बा । थारु समुदाय प्राचीनसे वर्तमान समयसम परम्परागत रुपमे प्रयोग हुइना सामान सजाके ढैना जरुरी बा ।

संग्रहालयमे थारु समुदाय प्रयोग हुइना हेल्का, डिलिया, छिटुवा, पखै, डेल्वा, बेर्री, पिर्का, पैना, चन्डोल, डोली, ढर्हिया, खोंघिया, पैवा, खराउ, चटुवा, डबला, मन्डरा, डफ, बसिया, कुठली, डेहरी, मरुवा, पाटा, भाला, बर्सी, ढाल लगायतके सामान ढारल बा । ओस्टेके, हर, जुवा, डोक्नी, भोक्टी, भौका, छिटनी, लैया, जबरा, अस्टिम्की लगायतके सामान समेत संग्रहालयमे आकर्षणके रुपमे संग्रहित बा ।

धनगढी उपमहानगरपालिका वडा नम्बर ७ पटेला गाउँमे रहल ‘पटेला थारु साँस्कृतिक संग्रहालय’ ।

कठ्ठैहिया लर्हिया, लहरु, बगरुवा लगायतके समेत व्यवस्था कैगैल बा । संग्रहालयमे थारु समुदायके महिलनके लगैना नठिया, फुली, बुलाकी, टर्की, झुम्का, माला, गटिया, सुटिया, बाजु, चुरुवा, कारा, पइँरी, बिछिया लगायत गहनासमेत अवलोकनकर्ताके लाग ढारल संग्रहालय व्यवस्थापन समितिके अध्यक्ष पार्वती चौधरी बटैलैं ।

थारु समुदायके महिला लगैना लहंगा, चोलिया ओ पुरुष लगैना ढोटी, कमिज, अगुच्छा समेत संग्रहालयमे ढारल उहाँ बटैलैं । परम्परागत नृत्य तथा संस्कृति डेखाइक लाग भारी अंगना फेन रहल अध्यक्ष चौधरी बटैलैं ।

पटेला थारु साँस्कृतिक संग्रहालया थारु समुदायके परम्परागत पर्यटकीयस्थलके रुपमे रहल बा । बनुवँक् किनारे रहल पटेला गाउँ हुइलेक ओरसे वहाँ घुमे अउइयन सिट्टर महसुस कर्टि सिहरा मेटाइ सेक्ना बटैठैं । मौसम अन्सार गर्मीमे जुर ओ जुरमे गरम रहठ वहाँ ।

सुरु हुइल ठनसे अब्बे सम ४ सौ सम आन्तरिक पर्यटक अवलोकन करसेकल रेखडेख करुइया भीम चौधरी कहलैं, अझकल रोजाना १०–१५ जाने आन्तरिक पर्यटक संग्रहालय अवलोकन करे अइठैं । मने ढेर सामान नैरहल ओरसे हेरे अउइयन कठैं कि सामान हुइलेसे आउर ढेर मनैं फेन संग्रहालय हरे अइहि कहिके भीम चौधरी बटैलैं । पहिलेकसे अझकल संग्रहालय अवलोकन करे अइटि रहल स्थानीय लोगनके कहाइ बा ।

संग्रहालयमे थारु परम्परागत आधुनिक थारु भासक् पोस्टा, पत्रपत्रिका लगायत आउर आउर चिजबरन फेन ढरटि जैना अध्यक्ष चौधरी बटैलैं । इहे गैल कुवाँर महिनामे जर्मन डेससे फेन ३ जाने पर्यटक अवलोकन कैके गैल उहाँ बटैलैं । वहाँसे आइल पर्यटक लोग फेन अपन डेससे कुछ सहयोग कर्ना प्रतिबद्धता जनाइल बटैलैं ।

एक्के ठाउँमे थारु समुदायके कला संस्कृतिसंगे पटेला गाउँक् सखिया ओ मघौटा नाच हेरक लाग व्यवस्था मिलाइल व्यवस्थापन समितिके अध्यक्ष पार्वती चौधरी बटैलैं । हेरैटी गैल गीत नाचसंगे कला संस्कृति यहाँके युवा पिँढीहे हेरे ओ सिख्ना अवसर जुरैले बटी उहाँ कलैं, इहिसे थारु समुदायके कला संस्कृति जगेर्ना कर्नामे मद्दत पुगल बा ।

कैलाली, कंचनपुर, बाँके, बर्दिया, दांग, सुर्खेत लगायत जिल्लामे थारु समुदायके बहुट डाउँमे थारु साँस्कृतिक संग्रहालयके स्थापना ढमाढम हुइटि बा । जहाँ ख्यातीप्राप्त लोकगीत ओ नाचगान फेन हुइटी आइल बा ।

स्मरण रहे, इहे चैत १८ गतेके दिन कैलालीके हरैया गाउँमे रहल थारु संग्रहालयके विधिवत रुपमे उद्घाटन हुइल बा । उ संग्रहालय सुदूरपश्चिम प्रदेशके भौतिक योजना तथा पूर्वाधार राज्यमन्त्री चुनकुमारी चौधरी कैलै रहिंट ।