धनगढी : जलवायु परिवर्तनके कारण सुदूरपश्चिम प्रदेशमे इ वर्ष बहुट घाम बर्हल महसुस हुइल देखा परथ । चैतसे घाम बढ्टी गइल वैशाखसे झन धेउर घाम महसुस हुइ लगल बा।
कैलाली अाे कञ्चनपुरमे िकल घाम नैबढके पहाडी अाे हिमाली जिल्लामे फेन इ वर्ष दाेसर वर्षके तुलनामे घाम बढल बा। जलवायु परिवर्तनके कारण गइल वर्षसे चैत वैशाखमे औसत ८ से १० डिग्री तापक्रम बढल मौसम विज्ञान विभागके जलवायु शाखा प्रमुख मौसमविद् डाक्टर इन्दिरा कँडेल बतैलीन्। ‘न्यूनतम अाे अधित्तम दिन रात तापक्रम बढल बा,’ उहा कलै , ‘सक्कु ठाँउमे सरदरसे ८ से १० डिग्रीसम्म तापक्रम बढल बा।’
जलवायु परिवर्तनके कारण पृथ्वीके तापक्रम बरटीरहल विज्ञ बतैलै। पेट्रोल डिजेलके खपत बढ्न, वन्वमे अागी लगना, ग्याँस उत्सर्जनमे कमी नैआइन अाे बर्हटी औद्यौगीकरणके तापमान बढ्रे लागल वातावरणविद् भुषण तुलाधर। बतैलै। ‘जवसे औद्योगीकरण सुरु हुइल, पृथ्वीके औसत तापक्रम बढ्टी गइल बा,’ उहा कलै, ‘पेट्रोल, डिजेल, कोइला, वन्वा सक्कु गृह ग्याँसके कारण तापक्रम बढल हो।
सुदूरपश्चिममे हरित गृह ग्याँस उत्सर्जन कर्ने उद्योग कलकारखाना नैहुइलेसे फे औद्योगिक राष्ट्रहुक्रे हरित गृह ग्याँसके उत्पादन बढाइन छोडल नैहुइट। धुँवा, धुर, वायुमण्डलमे कार्वनडाइअक्साइड, मिथेन, क्लोरोफ्लोरो कार्बन जस्ता ग्याँके घनत्व धेउर हुइल अाेरसे आइन वर्षमे तापक्रम झन बढ्न जलवायु विज्ञ नमिन्द्र दाहाल बतैलै। ‘वायु मण्डलमे तापक्रम बरैना ग्याँस बरल का बरल बटै,’ उहा कर्ै, ‘अभिन फे हानीकारण ग्याँस थप्न क्रम घटल नै हाे। झन बढल बा।’
जेठमे हुइन घाम चैत वैशाखमे हुइलके करणा मौसम प्रणालीमे परिवर्तन आइल संकेत करल बा। बढल तापक्रम नियन्त्रण करे नैसेक्के समग्र पर्यावरणमे गम्भीर समस्या आइन बताइल बा।