छुनछुन मंजिरक् छन्कार
घेल्टुङ्ग घेल्टुङ्ग मन्डरक् टार
ठुम्मुक ठुम्मुक् पुठ्ठा डुम्कैना
उलर उलर मन्डरा बजैना
उह हेरी,
डहिटान अंगना सुनसान हाेगैल ।
डेहुरारीक् खेखरी मैयाँ
पाटा मनिक् जाेग्या बभ्ना
मर्वा मनिक् भेर्वा डेउटा
छाँकी बुडी चर्हाइ छुटके
फुरेसे ,
डहिटान अंगना सुनसान हाेगैल ।
डहिटान बुडी गाेंरी बिने छाेरडेली
डहिटान बुडु छट्री बिने छाेरडेलाँ
माेर्हिन्याँ काकी गीत गाई छाेरडेली
नचुन्याँ भाैजी मंजिरा बजाइ छाेरडेली
जट्टीके अाझ,
डहिटान अंगना सुनसान हाेगैल ।
बर्का डाडु मन्डरा बजाइक् छाेरडेलाँ
घरे काम करूइया काेइ नै हाे
गाेरू भैस हेरूइया काेइ नै हाे
बर्कान बुडु अक्केली
ढन्ढा करट करट अँट्या गैलाँ
फुरेसे ,
डहिटान अंगना सुनसान हाेगैल ।
अई माेर्हिन्याँ काकी
अई नचुन्याँ भाैजी
अई मन्डरीया डाडु
सक्कु जे बुडी बुडु
डिडी बाबु
अाब,
फेनसे गाउँ चैनार कैना बा
सखिया, झुम्रा, हुर्डुङ्वा
पक्डाेंइह पक्डाेंइह मन्डरा बजाके
झाल मंजिरा कस्टार छन्काके
सक्कुहुन राहरंगीत कराके
गाउँ घर अंगना चम्पन कराके
फुरेसे, जागी अाब
भाषा, साहित्य,संस्कृति अाे पहिचानके लाग
काहे कि ,
डहिटान अंगना सुनसान हाेगैल ।
सागर कुश्मी “संगत”
हाल धनगढी कैलाली
